महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्षम्य पाप हैं, दोषी चाहे जो भी हो, उन्हें किसी भी सूरत में बचने नहीं दिया जाएगा," बोले प्रधानमंत्री Modi।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 अगस्त 2024 को महाराष्ट्र के यवतमाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर तीखा हमला बोला। उनके इस भाषण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ हो रहे अपराधों पर सरकार की सख्त कार्रवाई का संदेश देना था।
कोलकाता की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया
पीएम मोदी ने हाल ही में कोलकाता में हुई एक वीभत्स बलात्कार की घटना का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने इसे "अक्षम्य पाप" करार दिया और कहा कि दोषी कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। यह घटना देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है, और प्रधानमंत्री ने इस पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज के लिए कलंक हैं और इनका उन्मूलन करना सरकार की प्राथमिकता है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध पर कठोर रुख
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में एक मजबूत संदेश जाए। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार की योजनाएँ
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में उन योजनाओं का भी उल्लेख किया जो सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" योजना के माध्यम से बेटियों को बचाने और उन्हें शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। इसके अलावा, उन्होंने महिलाओं के लिए शुरू किए गए विभिन्न कार्यक्रमों का भी जिक्र किया, जैसे कि उज्ज्वला योजना, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली है।
राजनीति और अपराध
पीएम मोदी ने राजनीतिक दलों को भी आड़े हाथों लिया जो अपराधियों को संरक्षण देने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी दल को अपराधियों के लिए कोई सहानुभूति नहीं दिखानी चाहिए, चाहे वो किसी भी विचारधारा से ताल्लुक रखते हों। यह साफ होना चाहिए कि अपराध और अपराधियों के लिए किसी भी सूरत में कोई माफी नहीं हो सकती।
कानूनी सुधार और तेज न्याय प्रक्रिया
महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने कानूनी सुधारों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कानून को और भी कठोर बनाया जाना चाहिए ताकि अपराधियों को जल्दी और कड़ी सजा दी जा सके। इसके साथ ही उन्होंने न्याय प्रक्रिया में तेजी लाने की बात भी कही ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।
समाज की भूमिका
प्रधानमंत्री ने समाज से भी अपील की कि वह महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी समझे। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सरकार का काम नहीं है, बल्कि पूरे समाज को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें समान अवसर देना समाज का भी कर्तव्य है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह भाषण महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर उनकी सरकार की कठोर नीति को स्पष्ट करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा और दोषियों को हर हाल में सजा दी जाएगी। उनके इस भाषण से यह संदेश गया है कि सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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